मेरा क़त्ल जो उसने किया
उस हुस्न की अदा सही
हम कह कह के थक चुके
कोई न सुने तो न सही
मुझे दर्द जो उसने दिया
मेरी जान में शरीक है
ये दर्द भी अजीज़ है
ये दर्द ला दावा सही
अब मुन्सिफों से क्या कहें
अब इस्तगासे किस को दें
मेरे साथ जो गुज़र चुकी
मेरे इश्क की सज़ा sahee
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