हर शाम सुहानी होती है,
हर रात दीवानी होती है,
जब साथ मेरे तुम होते हो,
कुछ और कहानी होती है,
खुशबू के दरीचे खुलते हैं,
फूलों पे रवानी होती है,
नस नस में दरिया बहता है,
क़तरे में रवानी होती है,
साँसों में सुलगते शोलों से,
इक आग बुझानी होती है,
जितना हिज्र हो उतनी ही,
शराब पुरानी होती है.
हर रात दीवानी होती है,
जब साथ मेरे तुम होते हो,
कुछ और कहानी होती है,
खुशबू के दरीचे खुलते हैं,
फूलों पे रवानी होती है,
नस नस में दरिया बहता है,
क़तरे में रवानी होती है,
साँसों में सुलगते शोलों से,
इक आग बुझानी होती है,
जितना हिज्र हो उतनी ही,
शराब पुरानी होती है.
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